The best Side of how to achieve success in Hindi

Just after she died, I noticed how critical that laughter was, Despite the fact that it absolutely was frequently quick, And exactly how it helped me, her and those all around her manage her ailment. I went back again to high school to understand therapeutic humor, started off Talking about this and volunteered with those who were dying to determine how they made use of humor to aid them cope. All of that turned fodder for my to start with e book, The Therapeutic Electric power of Humor, and that is now in its ninth overseas language translation.” These entire world-transforming Thoughts arrived from desires.

जिम्मेदारी लें या आप अपना सबक सीखेंगे।

फिर क्या था पंचों ने अपना फैसला सुनाया कि सारे गवाहों और सबूतों को मद्दे नजर रखते हुए पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी, उल्लू की ही पत्नी है। और हंस तत्काल गांव छोड़कर यहाँ से जाये। 

"हाँ, मैं प्रधानमंत्री हूँ', शास्त्रीजी ने बड़ी शांति से जवाब दिया- 'पर इसका अर्थ यह तो नहीं कि जो चीजें मैं खरीद नहीं सकता, वह भेंट में लेकर अपनी पत्नी को पहनाऊँ। भाई, मैं प्रधानमंत्री हूँ पर हूँ तो गरीब ही। आप मुझे सस्ते दाम की साड़ियां ही दिखलाएँ। मैं तो अपनी हैसियत की साड़ियाँ ही खरीदना चाहता हूँ।"

बालक का त्याग, कोणार्क सूर्य मंदिर की कहानी

महर्षि के चेहरे पर प्रतीक्षा का भाव था

मूर्ख किसान की पत्नी प्रेरणा कहाँ से मिलती है भी सहमत हो गई और उसने अंडों के लिए हंस का पेट काटने का फैसला किया। जैसे ही उन्होंने पक्षी को मार डाला और हंस और पेट को खोला, कुछ भी नहीं बल्कि मास और खून ही मिल पाया। किसान, अपनी मूर्खतापूर्ण गलती को महसूस करते हुए, खोए हुए संसाधन पर रोने लगा!

'नहीं भाई, मैं भेंट में नहीं लूँगा', शास्त्रीजी स्पष्ट बोले।

“मुझे लगता है कि यह किसी भी अन्य घोंसले की तरह है, लेकिन मेरी तुलना में बेहतर नहीं है”, कछुआ ने कहा। “तुम्हें मेरे खोल से ईर्ष्या होनी चाहिए, हालांकि।”

जीवन में लक्ष्य का होना ज़रूरी क्यों है ?

महामंत्री गाँव के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार के पास गया और उसे वह पत्थर देते हुए बोला, “महाराज मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं.

पंचतंत्र की कहानी: बुद्धिमान केकड़ा और चिड़िया – buddhiman kekada aur chidiya

अब दोनों के बीच वाद-विवाद शुरू हो गया हंस कहता मेरी पत्नी है और उल्लू कहता मेरी पत्नी है। खबर सब तरफ आग कि तरह फैल गयी और आस पास के पक्षीगण एकत्रित हो गए। कई गांव की जनता बैठी, पंचायत बुलाई गयी, सब पंचलोग उपस्थित हुए। 

आप इन कहानियों को पढ़कर और इनसे सीखकर अपनी सफलता की कहानी लिख सकते हैं।

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